' प्रोजेक्ट जोरावर लाइट टैंक ' भारत की ऊंचाई वाली सीमाओं के लिए एक नया प्रहरी आया

प्रोजेक्ट जोरावर ( Project Zorawar )


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Project Zorawar 


प्रोजेक्ट जोरावर की कुछ खास बातें :


भारतीय लश्कर को एक नया अस्त्र मिल चुका है इसका नाम ''जोरावर लाइट टैंक'' बताया जाता है। परबत हो या वाळवंट यह रणगाडा किसी भी स्थिती मे हमें मदत करता है। इसी लिए यह भारत के लिए बहुत ही खास है। बीकानेर में हुए इस एक्सपेरिमें पर यह टैंक यशस्वी हो गया।

क्यौ है जोरावर इतना ख़ास  :

1. 25 टन इतना जोरावर टैंक का वजन 
2. कम वजन है इसीलिए यह बहोत ही जल्दी से कार्य कर।        सकता है।
3.  C-17 विमान के साथ भी इसे एक जगह से दूसरी जगह।       लेजाया जा सकता है। 105mm वाली तौफ होने के             साथ जल्दी जल्दी हमला कर सकती है।
4.  पुरी तरह से यह स्वदेशी है इसी लिए यह बहुत ही खास।       है।

5.  8 से 10 हजार फिट की ऊंचाई के अरुणाचल प्रदेश और।     लद्दाख जैसे साईट पर भी जोड़ा जा सकता है। इसके             अलावा राजस्थान जैसे सूखे इलाकों मे भी जोड़ा जा             सकता है।

क्यों इसकी जरूरत पड़ी?

चीन जैसे देशों के लिए यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसकी बनाने की वजह तो यूक्रेन और रशिया का चला हुआ युद्ध जिसमें इसकी वजह हमें मालूम पड़ी।

कुछ खास बातें :

2027 में हमें जोरावर टैंक भारत कि सेना में भरती किया जा सकता है। इसके अलावा 354 नए टैंक बनाने कि तैयारी शुरू हो चुकी है। T72 और T90 जैसे टैंक का पर्याय है जोरावर।