One Nation One Election इंडिया में कैसे किया जाएगा लागु ?

One Nation One Election 



One Nation One Election की जानकारी  :

इस योजना को पुरी देश में लागू करने के लिए मार्च २०२४ में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इसे लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनावों क्षेत्रों में लागू करने की मांग की थी। ONOE यानी One Nation One Election का विचार पूरे देश में बार बार होने वाले चुनाओ को कम करने के लिए यह प्लान बनाया गया था।

पहली बार लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र में आम चुनाव २६ जनवरी १९५० संविधान लागु किया था। यह चुनाव सन ५१ , ५२ में एक साथ किए गए थे। पर वर्तमान में केवल आंध्र प्रदेश, ओडिसा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम के साथ चुनाव होते है। 

ONOE के लिए संविधान संशोधन :

एक साथ संविधान संशोधन करने के लिए कुल ५ अनुच्छेद में संशोधन करना जरूरी था।
अनुच्छेद ८२ में संसद सदस्य का विचार दिया गया है।
अनुच्छेद ८५ में राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा भंग करने का है।
अनुच्छेद १७२ में विधानसभा चुनाव अवधी।
अनुच्छेद १७४ में विधान भंग करने संबंधी।
अनुच्छेद ३५६ राष्ट्रपति शासन लागू करने संबंधी।

सबसे पहले यह अनुमान लगाया गया कि इस चुनाव के लिए लगभग ४००० करोड़ रूपए खर्च होने वाला है। प्रत्येक राज्य चुनाव के काफी खर्च होता है इस खर्च को कम करने के लिए One Nation One Election किया जाने की मांग की है।  हर साल ५ से ६ राज्य चुनाव होते है इसी लिए यह करने के लिए यह किया जा रहा है।

स्थानिक स्वराज्य का काम भी धीमा हो जाता है। आर्दश आचार संहिता लागू होने के बाद ४० से ४५ दिन तक कोई भी सरकारी कामों का उद्घाटन नही किया जा सकता है। या कोई भी नई घोषणा नहीं की जा सकती हैं। इसी लिए One Nation One Election का प्रस्ताव दिया गया था।