International Forest Day : अंतरराष्ट्रीय वन दिवस

International Forest Day : अंतरराष्ट्रीय वन दिवस 
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International Forest Day की जानकारी :

संयुक्त महा सभा ने दुनियां के सभी वनों का मह्त्व समझने के बाद और इसमे जागरूकता लाने के लिए साल 2012 मे 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय वन दिवस मानने की घोषणा की थी।

इस दिन हर देशों को यह काम करना होगा कि वह वृक्षों का रोपण करे और लगाने के लिए संदेश दे यह बेहद महत्वपूर्ण दिवस होता है। स्थानीय लोगों और राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहोत सारे इवेंट रखे जाते हैं। इससे हमें वनों का मह्त्व समझने मे आसानी होती है।

इसका आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त राष्ट्र फोरम और संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन द्वारा किया जाता है।

वनों का महत्त्व क्यों हैं?

वनों की कटाई कम करना और उन्हें किसी भी गलत तरीके से तोड़ देना और 2030 के वनों की सुधरना के लिए बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की जरूरत है। 1990 के दशक तक 490 मिलियन हेक्टर वनों की कटाई हो चुकी है और इसका असर हमारे मानव जाति पर हो रहा है।

इस समस्या को कम करने के लिए यूनाइटेड नेशन्स और FAQ, यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन ने संयुक्त रूप से AIM4Forest नाम की योजना को लाँच किया गया है जो कि अगले 5 साल तक यह कार्य जारी रहने वाला है।

वनों की कटाई के बाद हर साल 10 मिलियन हेक्टर जमीन बाधित हो जाती है और इसके अलावा आग लगने से 70 मिलियन वनों का नुकसान होता है।

भारत मे वनों की दशा :

भारत मे वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार 3,07,120 वर्ग किमी जंगल हैं। इसमें पिछले 2 सालो मे 4,200 वर्ग किमी की वृद्धि हो गई हैं। इस रिपोर्ट मे वनों का क्षेत्र बढ़ने के कारण हमें थोड़ी राहत मिल चुकी हैं परंतु और भी कई संकट हमें सामने इस रिपोर्ट मे दिए गए हैं। भारत मे सबसे ज्यादा वनों का क्षेत्र आंध्र प्रदेश राज्य मे होने के साथ वहा पर वनों का कम होने के संकेत भी दिए गए हैं।