International Tiger Day : विश्व बाघ दिवस

International Tiger Day

बाघ संरक्षण के प्रति जागरूक होने के लिए हर वर्ष 29 जुलाई को 'विश्व बाघ दिवस मनाया जाता है।
इस दिन की शुरुआत वर्ष 2010 हुई थी, जब बाघो के आवास को दुगुना औऱ उनकी संख्या में बढ़ोतरी के लिए यह कदम उठाया गया था।

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अखिल भारतीय बाघ संख्या 2022 :

भारत में वर्तमान में बाघों की संख्या 3,167 औऱ पिछले यानी 2018 में 2,967 थी। वर्ष 2014 - 18 के दौरान संख्या में धीमी गति से बढ़ोतरी हो रही थी। बाघों की इस संख्या को गिनने के लिए 20 राज्यों का सर्वे किया गया था। उत्तर भारत की औऱ बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। परंतु दक्षिण भारत की औऱ बाघों की संख्या में गिरावट दिखी है।

बाघों की प्रजाति : 

इनमें से 3 प्रजाति लुप्त हो गयी है। 
1. बंगाल बाघ
2. कैंपियन बाघ
3. अमुर बाघ
4. जावा बाघ
5. दक्षिण चीन बाघ
6. सुमात्रा बाघ
7. इंडो - चीन बाघ

भारत में बाघों संरक्षण की स्थिति : 

भारतीय वन्य जीवों संरक्षण अधिनियम, 1972 -  अनुसूची 1 
IUCN रेड सूची : लुप्तप्राय 
CITES : परिशिष्ट 1

भारत में बाघों के ह्रास के कारण : वर्ष 1875 से 1925 के बीच भारत में लगभग 80,000 बाघ मारे गए थे। 
इसी समय लोगों ने अपने विकास के लिए जंगलों को तोड़ना शुरू कर दिया था। जंगलों की कटाई के कारण बाघों की संख्या में 1940 के दशक में बहोत ज्यादा गिरावट हो गईं। 
भारत में 1972 को कानून बना कर बाघों की संख्या पर प्रतिबंध लगाया गया था। 

प्रोजेक्ट टाइगर की मदद से भारत ने लगभग 76,000 वर्ग किमी हिस्से में 53 टाइगर रिजर्व कर घोषित कर दिए गए। 

बंगाल बाघ : ( Panthera Tigris)  

इसे भारत में बंगाल टाइगर कहा जाता है। यह भारतीय उप महाद्वीप का मूल्य निवासी है। वर्तमान में यह भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान में पाया जाता है। यह बाघों की एक प्रमुख प्रजाति है औऱ यह जंगल में पाया जाने वाला सबसे बड़ा बाघ है। बंगाल टाइगर लुप्तप्राय सूची में है।